रहषु माँ भवानी का बहुत बड़ा भक्त था
राजा मनन सिंह हथुआ के राजा थे, वे अपने आपको मां दुर्गा का सबसे बड़ा भक्त मानते थे, गर्व होने के कारण अपने सामने वे किसी को भी मां का भक्त नहीं मानते थे, इसी क्रम में राज्य में अकाल पड़ गया और लोग खाने को तरसने लगे-
थावे मंदिर में कमाख्या देवी मां का एक सच्चा भक्त रहषु रहता था, कथा के अनुसार रहषु मां की कृपा से दिन में घास काटता और रात को उसी से अन्न निकल जाता था, जिस कारण वहां के लोगों को अन्न मिलने लगा, परंतु राजा को विश्वास नहीं हुआ।
राजा ने रहषु को ढोंगी बताते हुए मां को बुलाने को कहा एवं साथ ही रहषु ने कई बार राजा से प्रार्थना की कि अगर मां यहां आएंगी तो राज्य बर्बाद हो जाएगा, परंतु राजा नहीं माने, रहषु की प्रार्थना पर मां कोलकता, पटना और आमी होते हुए यहां पहुंची राजा के सभी भवन गिर गए और राजा की मौत हो गई।
मां ने जहां दर्शन दिए, वहां एक भव्य मंदिर है तथा कुछ ही दूरी पर रहषु भगत का भी मंदिर है, ऐसी मान्यता है कि जो लोग थावे वाली माई के दर्शन के लिए आते हैं वे रहषु भगत के मंदिर में भी जरूर जाते हैं वरना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।