श्री राधा जी के नाम की बड़ी महत्ता है उनके 32 नामों का स्मरण करने से जीवन में सुख, प्रेम और शांति का प्रवाह होता है ऐसा माना जाता है। जीवन में धन और संपंत्ति तो आती जाती रहती है, जीवन में सबसे जरूरी है, प्रेम और शांति। मानव जीवन को शांत और सुखमयी बनाने के लिए श्री राधा जी इन 32 नामों का जाप करना चाहिए।
1. मृदुल भाषिणी राधा ! राधा !!
2. सौंदर्य राषिणी राधा ! राधा !!
3. परम् पुनीता राधा ! राधा !!
4. नित्य नवनीता राधा ! राधा !!
5. रास विलासिनी राधा ! राधा !!
6. दिव्य सुवासिनी राधा ! राधा !!
7. नवल किशोरी राधा ! राधा !!
8. अति ही भोरी राधा ! राधा !!
9. कंचनवर्णी राधा ! राधा !!
10. नित्य सुखकरणी राधा ! राधा !!
11. सुभग भामिनी राधा ! राधा !!
12. जगत स्वामिनी राधा ! राधा !!
13. कृष्ण आनन्दिनी राधा ! राधा !!
14. आनंद कन्दिनी राधा ! राधा !!
15. प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!
16. रस आपूर्ति राधा ! राधा !!
17. नवल ब्रजेश्वरी राधा ! राधा !!
18. नित्य रासेश्वरी राधा ! राधा !!
19. कोमल अंगिनी राधा ! राधा !!
20. कृष्ण संगिनी राधा ! राधा !!
21. कृपा वर्षिणी राधा ! राधा !!
22.परम् हर्षिणी राधा ! राधा !!
23. सिंधु स्वरूपा राधा ! राधा !!
24. परम् अनूपा राधा ! राधा !!
25. परम् हितकारी राधा ! राधा !!
26. कृष्ण सुखकारी राधा ! राधा !!
27. निकुंज स्वामिनी राधा ! राधा !!
28. नवल भामिनी राधा ! राधा !!
29. रास रासेश्वरी राधा ! राधा !!
30. स्वयं परमेश्वरी राधा ! राधा !!
31. सकल गुणीता राधा ! राधा !!
32. रसिकिनी पुनीता राधा ! राधा !!
कर जोरि वन्दन करूं मैं, नित नित करूं प्रणाम।
रसना से गाता रहूं, श्री राधा राधा नाम।।
जो भी भक्ति भाव से श्रद्धापूर्वक श्री राधा जी के नाम का आश्रय लेता है। वह प्रभु के दिव्य व मधुर स्नेह को पाता है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण में स्वयं श्री हरि विष्णु जी ने कहा है कि जो व्यक्ति अनजाने मैं भी राधा कहता है उसके आगे मैं स्वयं सुदर्शन चक्र धारण करके चलता हूँ। और उसके पीछे स्वयं भगवान् शिव त्रिशूल लेकर चलते हैं। उसके दाईं ओर इंद्र देव वज्र लेकर चलते हैं और बाईं ओर वरुण देव दिव्य छत्र लेकर चलते हैं।