Home » Blog »Asht-Sidhiya-aur-Navnidhiya

अष्ट सिद्धिया और नवनिधिया

पुराणो मे अष्ट सिद्धि नव निधि का वर्णन किया गया है| हनुमान चालीसा की एक चौपाई मे हनुमान जी के लिए भी "अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता" बताया गया है|

ये अष्ट सिद्धि है

अणिमा - शरीर को अणु की तरह छोटा सा कर लेने की शक्ति|

महिमा- शरीर को असीमित विशालकाय बनाने की शक्ति|

गरिमा- शरीर के भार को असीमित बढ़ा लेने की शक्ति|

लघिमा- शरीर को वायु से भी हल्का केआर लेने की शक्ति|

प्राप्ति- शरीर को अदृश्य कर लेने की शक्ति|

पराक्रम्य- किसी अन्य व्यक्ति के मन की बात को जान लेने की शक्ति|

ईशित्व- भगवान की उपाधि प्राप्त कर लेने की शक्ति|

वाशित्व- दूसरों को अपना दास बना कर रख सकने की शक्ति|

नवनिधिया

परकाया प्रवेश- किसी अन्य व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश कर पाने की शक्ति, मृत शरीर भी|

हादी विध्या- कई दिनो तक बिना कुछ खाये पिये रहने की शक्ति|

कादी विध्या - किसी भी तरह के मौसम का कोई असर ना पड़ना, ना ठंड लगना, ना गर्मी|

वायु गमन - हवा मे तैर सकना|

मदलसा- शरीर के आकार को कम ज्यादा कर लेना|

कनकधर- असीमित धन का स्वामी बन जाना|

प्रक्य- किसी विसिष्ट महिला के गर्भ से जन्म लेने की शक्तिया|

सूर्य विज्ञान- सूर्य की किरणों से किसी भी तत्व को किसी अन्य तत्व मे बदला जा सकना|

मृत संजीवनी- किसी भी मृत व्यक्ति को दोबारा जीवित कर देना|