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एकादशी व्रत

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय शुभ एकादशी
ॐ नमोस्तु अनन्ताय सहस्त्र मूर्तये
सहस्त्र पादाक्षि शिरोरुवाहवे
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते
सहस्त्र कोटि युग धारिणे नमः ।
यथा समस्त देवानां श्रेष्ठो विष्णु:प्रकीर्तिताः ।
तथा सर्व वृतानां च श्रेष्ठम् एकादशी व्रतम् ।।
एकादशी व्रत के दिन अन्न न खाये
जो पहली बार करते है वे एक समय अन्न लेकर व्रत आरम्भ कर सकते है
भाद्रपद शुक्लपक्ष द्वादशी को भगवान वामन अवतरित हुए थे इसलिए यह एकादशी भगवान वामन से जुड़ी हुई है
श्रीभूमिसहितं दिव्यं मुक्तामणिविभूषितम् ।
नमामि वामनं विष्णुं भुक्तिमुक्तिफलप्रदम् ।।
वामनो बुद्धिदाता च द्रव्यस्थो वामनः स्मृतः ।
वामनस्तारकोभाभ्यां वामनाय नमो नमः ।।

एकादशी व्रत का उद्देश्य :

जगत का पालन करने वाले और राक्षस प्रवत्ति के दुष्ट लोगो से रक्षा के लिये विष्णु भगवान से जुड़ना उनका नाम जपना विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ना हवन करना और एक दिन अन्न त्यागकर अपने मन पर नियंत्रण करना ।

एकादशी व्रत के लाभ :

1 शारिरिक लाभ :

माह में दो बार शरीर को अन्न पचाने से मुक्ति मिलती है
प्रत्येक दिन जब भोजन करते है तो कल का कुछ भोजन पेट मे बचा रहता है अन्न में फल ,सूखे मेवे आदि की तुलना मे बहुत जल्दी सड़ने(decompose) की प्रवत्ति है माह में दो बार अन्न नही खाने से सड़े हुए अन्न को शरीर बाहर निकाल देता है याने शरीर detoxify हो जाता है जिससे पेट साफ और स्वस्थ होता है
युवा बने रहने और ऊर्जावान बने रहने में सहायता मिलती है
माह में दो बार अन्न नही खाने से शरीर की गंध में बदलाव आता है मलमूत्र की दुर्गंध कम होती है

2 आध्यात्मिक लाभ :

अन्न न खाने से पेट को कम काम करना पड़ता है जैसे आपको छुट्टी मिलने पर खुशी होती है वैसे ही पेट रस ग्रंथियां जीभ बड़ी आंत किडनी हृदय आदि सबको आराम मिलने से आंतरिक प्रसन्नता मिलती है जिससे मन प्रसन्न होता है जब मन प्रसन्न होगा तो सबसे आपका व्यवहार अच्छा होगा और आपके मन मे भगवान के भजन की इच्छा सशक्त होगी जो आत्मा की उन्नति में सहायता करता है

3 दैविक लाभ :

एकादशी विष्णु शक्ति की आराधना का दिन है
उपवास करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी और उनके भक्त नारद की कृपा मिलती है वर्षो तक जो भक्त लगातार एकादशी व्रत करते है उनके जीवन मे अनेक चमत्कार होते है पारिवारिक शारीरिक और आर्थिक समस्याएं सुलझती है आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होते है
सनातन धर्म के वैज्ञानिक ऋषि मुनियों के बताए रास्ते चलने से जीवन सरल और सफल बनता है
एकादशी व्रत करे ,भगवान को नैवेद्य लगाए

एकादशी उपवास में क्या खाएं :

फलाहार के नाम पर तली और तीखे मसाले युक्त चीजे न खाये । फल दूध मूंगफली सिंघाड़ा बिना बीज वाली हरि सब्जियां सूखे मेवे और फल खाएं और पानी जितना पी सके