ठाकुर जी की ये मूर्ति लगभग 500 साल पुरानी है | ये मूर्ति स्वामीनारायण मन्दिर घरपुर गुजरात में है | ठाकुर जी के हाथ में जो घडी है वो पल्स रेट से चलती है | यही कोई वर्ष 1970 के आसपास एक अंग्रेज वहां घूमने आया। वहां गुसाई जी का सेवा देख कर बड़ा प्रभावित हुआ उसने ठाकुर जी को भेंट मैं एक हाथ घड़ी दी। इस घडी को एक अंग्रेज ने ये जानने के लिए ठाकुर जी के हाथ में बांध दिया था की क्या ठाकुर जी की मूर्ति के अन्दर प्राण है और उसके द्वारा ये घडी ठाकुर जी की मूर्ति के हाथ में बंधाते ही चलने लगी और आज तक चल रही है | ये घडी जब तक ठाकुर जी के हाथ में रहती है ये बिलकुल सही समय बताती है और जब कभी पुजारी जी ठाकुर जी का श्रृंगार करने के लिए इसे उनके हाथ से निकलते है तो ये बंद हो जाती है और फिर उनके हाथ में डालते ही चलने लगाती है |
बलिहारी जाऊ ऎसे श्याम पे जो पत्थर में भी धड़कता है और दिल में भी।