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क्यों अर्जुन के अस्त्रों ने काम करना छोड़ दिया था

जब यादवों का अंत हो रहा था भगवान श्री कृष्ण अपने धाम जाने से पहले अर्जुन को द्वारिका बुलाया और कहा की सभी स्त्रियों को अपने साथ ले जाओ। जब अर्जुन स्त्रियों को के जा रहे थे रास्ते में कुछ भील लुटेरों ने अर्जुन पर आक्रमण कर दिया और स्त्रियों को अपहरण करके ले जाने लगे।  उस समय अर्जुन उनकी रक्षा करने के लिए जब धनुष उठाया,  तो उनका बाहुबल समाप्त हो गया।  वो अस्त्र की विद्या भूल गए।   उनके तीर साधारण तीर जैसे लुटेरों पर आघात कर रहे थे।  उनके सारे बाण ख़त्म हो जाने के बाद अर्जुन धनुष की नोक पर लुटेरों से लड़े।  उन्होंने कुछ स्त्रियों को बचाकर इंद्रप्रस्थ में बसाया। इंद्रप्रस्थ का राजा सत्यीकी के पुत्र व्रज को बनाया।  इसके बाद वे वेदव्यास के पास अपना शक्ति ख़तम होने का कारण जानने के लिए गए। वेदव्यास जी ने बताया की हे अर्जुन अब संसार में नवयुग का आरंभ हो चुका है, समय में परिवर्तन आ चुका है, तुम्हारा कर्तव्य पूरा हो चुका है।  तुम्हे मिले सारे अस्त्रों का प्रयोजन अब खतम हो चुका है।  कोई भी अस्त्र का प्रयोजन तब तक रहता है जब तक संसार को उसकी ज़रूरत हो तुम्हे जैसी विद्या मिली थी वैसी अब जा चुकी है।अब इस युग में तुम और श्री कृष्ण जी रहे तो पृथ्वी का संतुलन बिगड़ा जाएगा।