Home » Blog »No-Hailstone-in-Aulenda-by-grace-of-Hanuman-Bhakt

हनुमान भक्त के कृपा से औलेंडा में नहीं पड़ते कभी ओले

आगरा के फतेहपुर सीकरी के पास एक  गांव है औलेंडा (AULENDA)। इस गांव में एक श्री हनुमान जी के भक्त थे। भक्त की भक्ति की चर्चा अकबर के दरबार तक पहुंची। अकबर ने फतेहपुर सीकरी उन्हें बुलाकर परीक्षा लेनी चाही। अकबर ने उन्हें एक मखमली चबूतरे पर बैठने के लिए कहा। उन्होंने अकबर को डाटते हुए कहा कि इस चबूतरे में तीन जानवरो को दफना रखा है, वो पाप स्थान पर नहीं बैठ सकते। अकबर आश्चर्य चकित हुआ क्यों कि परीक्षा हेतु एक जीवित बकरी  उस चबूतरे में दफना रखी थी। अकबर बोले  कि महाराज आप गलत है, इसमें तो एक ही बकरी है। तब संत महराज ने कहा कि इसमें तीन जीवित प्राणी है एक बकरी और गर्भ में दो बच्चे। बाद में जांच हेतु बकरी का पेट चीरा गया तो उसके गर्भ में दो बकरी के बच्चे ही थे। अकबर ने प्रशस्ति पत्र देकर भक्त के गांव औलेंडा को लगान मुक्त हमेशा के लिए कर दिया। देश की आज़ादी तक ये गांव लगान मुक्त था।

यह तो इतिहास का एक किस्सा था। अगला किस्सा नहीं, अचरज में डाल देने वाली हकीकत है। संत महाराज, श्री हनुमान जी  के भक्त थे, एक बार यज्ञ करते समय प्रबल ओला वृष्टि हो रही थी तब उन्होंने अपना सोठा (संतो के पास एक प्रकार का डंडा ) चारों तरफ घुमाते हुए कहा , हे  महाबली हनुमान आज के बाद इस गांव की सीमा में ओलावृष्टि नहीं होनी चाहिए। और ऐसा ही हुआ, औलेंडा गांव में आजतक ओला वृष्टि नहीं हुई।

इन संत महाराज व श्री हनमानजी की स्तुति हेतु हर साल चैत्र माह के तेरस व चौदस को औलेंडा में भजन, कुस्ती एवम् मेला आयोजित होता है।