शिव और शक्ति जीवन के अस्तित्व की पूरक शक्तियों के रूप में विद्यमान है जो कि चेतना और आनंद के महान ब्रह्मांड के नीचे स्थापित है। शिव शक्ति रूप को व्यापक रूप से 'अर्धनारीश्वर' के नाम से जाना जाता है, यह एक ऐसा समग्र रूप जिसका दांया भाग भगवान शिव और बायां माता पार्वती है। यह एकरूपता का सबसे शक्तिशाली रूप है जो नर और नारी के पूर्ण संघ का प्रतीक है।
यह रूप दो सार्वभौमिक ऊर्जा के संश्लेषण को एक प्रतीक चिन्ह के रूप में दर्शाता है। शिव - शक्ति का ये रूप, नर और मादा के शाश्वत एकीकरण को दिखता हैं और प्रमाणित करता हैं कि ये दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते है। श्रावण मास के इस पवित्र मास में एक साथ शिव और शक्ति की पूजा होती है।
एक साथ शिव शक्ति की पूजा करना बहुत लाभकारी बताया जाता है। इसकी पूजा के माध्यम से एक व्यक्ति को भगवान शिव और देवी पार्वती का संयुक्त आशीर्वाद मिलता है जो चारों ओर शांति, समृद्धि, खुशी के साथ सभी प्रकार के दुखों और नकारात्मक बलों से सुरक्षा प्रदान करता है। शिव भक्त उनके इस स्वरुप की भक्ति से सांसारिकता में सम्मिलत होकर भी आध्यात्मिक चेतना के उच्च स्तर की प्राप्ति प्रदान करते है।
शिव शक्ति पूजा ब्रह्मांड के पुरुष और महिला शक्ति की ऊर्जा को एकत्रित करती है और इसलिए व्यक्ति के जीवन को सबसे रचनात्मक और सकारात्मक तरीके से बदलती है। जीवन की रुकावटों और बाधाओं को दूर करने के लिए एक साथ शिव-शक्ति की पूजा अति महत्वपूर्ण है, जो शिव भक्तों की सफलता और समृद्धि का मार्ग खोलकर उन्हें मनवांछित परिणाम प्रदान करती है। यह शिव उपासना किसी भी लम्बी अवधि से चली आ रही समस्या, या अचानक से आयी परेशानियों को दूर कर देती है। मानसिक शांति सहित जीवन में हर प्रकार की परेशानियों पर विजय प्रदान करता है।
शादीशुदा जोड़ों को अपने रिश्ते को मजबूत करने के लिए शिव शक्ति की पूजा करनी चाहिए। टूटे हुए वैवाहिक रिश्ते को फिर से मधुर बनाने के लिए यह वास्तव में बहुत प्रभावशाली माध्यम है। यह पूजा वैवाहिक जोड़ों के द्वारा अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए की जाती है और उनको जीवन के हर पहलू में एक दूसरे के साथ गूंथने में मदद करती है। यह भगवान शिव और माँ पार्वती का अर्धनारीश्वर रूप है जिससे प्रार्थना की जाती है कि शिव भक्तों को खुशहाल जीवन और सभी मार्गों में सफलता मिले। यह पूजा स्वस्थ मन, आत्मा और सभी सकारात्मक पक्षों के लिए फायदेमंद है। अच्छे स्वास्थ्य, सद्भाव, सफलता, इच्छाओं की पूर्ति के लिए, सभी ग्रहों के दोषों को हटाने और जीवन की लंबी उम्र के लिए भगवान् शिव के अर्धनारीश्वर रूप की पूजा की जाती है।