Home » Festivals » Basant Panchami

Basant Panchami

बसंत पचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है। बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। भारतीय जलवायु के अनुसार एक वर्ष को छः ऋतुओं में विभाजित किया जाता है, जो कि वसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशिर ऋतु के नाम से जानी जाती है। इन इस सभी छः ऋतुओ में से वसंत को सभी ऋतुओ का राजा माना जाता है। वसंत ऋतु की शुरुआत माघ शुक्ल की पंचमी तिथि से मानी जाती है, इसीलिए इस दिन को बसंत पंचमी कहा जाता है। 

वसंत ऋतु में खेतों में फसले लहलहा उठती है और फूल खिलने लगते है। हर जगह खुशहाली दिखाई देने लगती है ऐसा लगता है मानो धरती पर सोना उग रहा  है क्योंकि धरती पर फसल लहलहाने लगती है। ऐसी भी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए बसंत पचमी के दिन सरस्वती माता की विशेष पूजा का भी आयोजन किया जाता है। माँ सरस्वती को विद्या एवम् बुद्धि की देवी माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन श्रद्धालु भक्त, माँ सरस्वती से विद्या, बुद्धि, कला एवं ज्ञान का वरदान मांगते है। 

बसंत पंचमी के दिन लोगों को पीले रंग के कपडे पहन कर, पीले फूलो से देवी सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन लोग पतंग उड़ाते और प्रसाद के रूप में पीले रंग के मीठे चावालों का वितरण और सेवन करते है। पीला रंग को बसंत का प्रतीक माना जाता है। 

बसंत पंचमी के दिन को बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के आरंभ करने के लिए भी बहुत शुभ माना जाता हैं। इस दिन बच्चे की जीभ पर शहद से ॐ बनाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे बच्चा ज्ञानवान होता है व शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है। छः माह का समय पूरा कर चुके बच्चों को अन्न का पहला निवाला भी बसंत पंचमी के दिन ही खिलाना चाहिए। अन्नप्राशन के लिए यह दिन बहुत शुभ होता है। बसंत पंचमी का दिन परिणय सूत्र में बंधने के लिए भी बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है, इसके साथ-साथ गृह प्रवेश से लेकर नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी इस दिन को अत्यधिक शुभ माना जाता है।

मां सरस्वती का जन्म कैसे हुआ

बसंत पंचमी का हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. पतझड़ के बाद बंसत ऋतु का आगमन होता है बंसत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है. स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है की ऋतुओं में मैं बसंत हूं.ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की. लेकिन...Read More