यह विश्व की एकमात्र काल गणना वैदिक धर्म का ज्ञान है जो किसी संप्रदाय, मज़हब, रिलीजन वालो के पास भी नही है क्योंकि सब अभी कुछ हजार वर्षों के भीतर जन्मे है और वैदिक धर्म का ज्ञान सृष्टि के आरम्भ अनादि काल से है।*
■ कृति = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग
■ 1 त्रुति = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुति = 1 लव ,
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल ,
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतु
■ 6 ऋतु= 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
■ 3 युग = 1 त्रेता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 76 महायुग = मन्वन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमित्तिक प्रलय = 1 कल्प (देवों का अन्त और जन्म )
■ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्रह्म प्रलयका अन्त और जन्म )