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Gorakhnath Temple

भारत के महान संतो में गुरु गोरखनाथ को सिद्ध पुरुष और महायोगी माना जाता है | इनको समर्पित गोरखनाथ मंदिर  उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित है | इसे ( श्री गोरक्षनाथ मंदिर ) भी कहा जाता है |  यह मठ संसार से विरक्त योगियों के परम आध्यात्मिक आनंद की जगह है | इसी स्थान से सभी नाथ सम्प्रदाय के देश भर मंदिरों की देखभाल होती है |

 

गोरखनाथ मंदिर – गोरखपुर का इतिहास

गुरु गोरखनाथ जी ज्वाला देवी मंदिर में दर्शन करके इसी स्थान पर अपनी घोर तपस्या में लीन हुए | फिर इसी स्थल पर दिव्य समाधि ले ली | पहले यह स्थल तपोवन ही था | फिर धीरे धीरे यहा छोटे मोटे मठ बने और योग और आध्यातिम्क शिक्षा दे जाने लगी | बाद में ब्रह्मलीन महंत श्री दिग्विजयनाथ जी महाराज ने एक भव्य गोरक्षनाथ मंदिर का निर्माण करवाया |

 

कैसा है यह मंदिर

इस मंदिर में मुख्य प्रतिमा बाबा गोरखनाथ की है | यह संगमरमर से बनी हुई है जो तपस्या करते हुए है | कुछ दुरी पर ही इनकी चरण पादुकाएं भी प्रतिष्ठित हैं | भक्त गुरु का आशीष प्राप्त करते है | इसके अलावा भगवान शिव , गणेश , काली माँ , भैरव नाथ और शीतला माता की मूर्तियाँ भी भक्तो को दर्शन देती है | मंदिर परिसर में ही भीम कुण्ड बना हुआ है |

 

गोरखनाथ की पूजा 

अखंड ज्योति

माना जाता है की इस मंदिर में एक अखंड ज्योति त्रेतायुग से आजतक जल रही है | यह गुरु गोरखनाथ जी द्वारा जगाई गयी थी | भक्त इस ज्योति के दर्शन करते है | इससे निर्मित काजल आँखों पर लगाना शुभ माना जाता है | इससे दिव्य ज्योति की प्राप्ति होती है | पास में ही अखंड धूना भी सदियों से लगातार जल रहा है |

 

मुख्य मेला

इस मंदिर में मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी मेले का भव्य आयोजन किया जाता है |