साँवरे... मुस्कान में तुम मेरे रुदन में तुम जीवन के हर अंदाज में तुम सुर भी तुम हो ताल भी तुम अधरों की हर आवाज में तुम दिन भी हो तुम रात भी तुम मेरे हर सुर का साज भी तुम मेरी हर उड़ान के पंख भी तुम मेरे जीवन के परवाज भी तुम मेरी मन्नत और अरदास भी तुम मेरी दुआ का आगाज भी तुम ..